बाबा नीम करोली महाराज हनुमानगढ़ नैनीताल की नवनिर्मित कुटिया में विराजमान थे भक्तों के बीच से चौंकते हुये उठे तथा बाहर आकर दोनों हाथ सामने फैला दिये,जोर से बोले ….ले बच गया….भक्तों को कुछ समझ में नहीं आया…..तीन दिन बाद एक महिला उसी कुटिया में आई तथा बाबा के चरणों में गिरकर बोली कि तीन दिन पूर्व मेरा 5 साल का बच्चा छत से गिर गया था तब घबरा कर मैंने आपको याद किया…तभी गली से जा रहे एक व्यक्ति ने उसे हाथों में ले लिया…..
ले बच गया कहते हुए वह व्यक्ति मेरी गोद में बच्चे कोदेकर तत्काल गायब हो गया।
ले० राजीदा..अलौकिक यथार्थ