
” बूढ़ा अभी नहीं मरेगा । ” इन लोगों को बाबा पर विश्वास नहीं हो रहा था । क्योंकि वे श्वास की नली के आपरेशन से भयभीत थे । जब ये लोग बाबा से बात कर रहेँ थे , उधर बाबा की कृपा से कन्हैया लाल जी को ज़ोर से खाँसी का दौरा आया और वे सेब का टुकड़ा बाहर आकर गिरा । आप के लोग जब घर आये तो आप बाबा की लीला से बिना आपरेशन के स्वस्थ मिले । वाह मेरे बाबा तेरी लीला कब और कैसे हो जाये , कुछ नहीं पता ।
जय गुरूदेव
आलौकिक यथार्थ